श्री केदारनाथ धाम, 2 नवंबर 2024 : उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट कल, 3 नवंबर को भैया दूज के पावन अवसर पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल हेतु विधिवत रूप से बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के पश्चात बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति को विभिन्न पड़ावों में प्रवास कराते हुए, शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में स्थापित किया जाएगा।
इस क्रम में आज बाबा केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया। पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा पंचमुखी मूर्ति को स्नान कराया गया और धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला तथा वेदपाठी स्वयंवर सेमवाल ने विशेष पूजा-अर्चना संपन्न की। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बाबा के पंचमुखी उत्सव मूर्ति के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर की परिक्रमा करने के बाद उत्सव मूर्ति को डोली में सजाकर मंदिर परिसर में विराजमान किया गया, जिससे श्रद्धालुओं के बीच विशेष उत्साह का माहौल रहा।
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शीतकाल के दौरान बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति का प्रवास अलग-अलग पड़ावों पर होगा, और अंततः उसे उखीमठ में विराजमान किया जाएगा। यहां श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकेंगे और उनकी पूजा-अर्चना कर पाएंगे।
इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, देवानंद गैरोला, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित कई श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया और पंचमुखी मूर्ति की यात्रा के कारण श्रद्धालुओं में बाबा केदारनाथ के प्रति श्रद्धा और समर्पण का भाव देखने को मिला। शीतकाल में उखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में भक्तगण बाबा के दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त कर सकेंगे।
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