रुद्रप्रयाग | इस वर्ष तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या ने इतिहास रच दिया है। अब तक 1.40 लाख से अधिक यात्री भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर चुके हैं, जो तुंगनाथ के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या है। उत्तराखंड में पंच केदारों में शामिल तुंगनाथ मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बनता जा रहा है।
तुंगनाथ की बढ़ती लोकप्रियता
तुंगनाथ की ओर यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका मुख्य कारण मंदिर तक पहुंचने वाला साढ़े तीन किलोमीटर का ट्रैकिंग मार्ग है। इस ट्रैक में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ कई सुंदर बुग्याल भी पड़ते हैं, जो यात्रियों को आकर्षित करते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन के साथ ही हिमालय की मनमोहक छटा और बुग्यालों का नैसर्गिक आनंद भी लेते हैं।
भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले 10 मई को
रुद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ ब्लॉक में 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर पंच केदारों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है। इस वर्ष 10 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। चारधाम यात्रा के साथ ही इस वर्ष तुंगनाथ यात्रा में भी रिकॉर्डतोड़ यात्री पहुंचे हैं। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ रहे हैं, जिससे पैदल मार्ग पर खूब चहल-पहल दिख रही है।
यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष यात्रा के शुरुआती एक महीने में श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी गई है। जहां पिछले साल कपाट खुलने के एक माह में मात्र 16,000 यात्री तुंगनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे, वहीं इस साल एक महीने में 45,380 श्रद्धालु बाबा तुंगनाथ के दर्शन कर चुके हैं। पिछले दो वर्षों की तुलना में इस वर्ष तुंगनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।
तुंगनाथ यात्रा: पर्यटन को भी मिल रहा बढ़ावा
तुंगनाथ की यात्रा केवल तीर्थाटन तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि इसने क्षेत्र के पर्यटन को भी नया आयाम दिया है। ट्रैकिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यहां देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
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