Viral Pahad पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) : जहां उत्तराखंड के कई युवा रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं, वहीं पौड़ी के बैजरो के सरकारी इंटर कॉलेज में लेक्चरर दीनदयाल बिष्ट ने कुछ अलग कर दिखाया। शिक्षण के साथ-साथ बागवानी में रुचि रखते हुए उन्होंने अपने गांव में बागवानी का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। अपने खेत में उन्होंने करीब 200 कीवी और 100 सेब के पेड़ लगाए हैं, जिससे न सिर्फ उनकी खेती के प्रति लगन झलकती है, बल्कि गांव में रोजगार की नई संभावनाओं का भी संकेत मिलता है।
दीनदयाल बिष्ट को सोशल मीडिया से बागवानी की प्रेरणा मिली। शुरुआत में कुछ लोग उनके इस प्रयास को लेकर शंका जता रहे थे, लेकिन उनकी मेहनत ने आज उनके फैसले को सही साबित कर दिया है। उनके बगीचे में उगने वाली कीवी का वजन 150 ग्राम तक पहुँच चुका है, जो बाज़ार में अपनी गुणवत्ता के कारण खूब पसंद की जा रही है। उन्होंने बताया कि खेती में समय और समर्पण की जरूरत होती है, लेकिन इच्छाशक्ति हो तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
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यह प्रेरणादायक कदम उन युवाओं के लिए एक संदेश है जो पलायन को ही अपनी तरक्की का एकमात्र रास्ता मानते हैं। दीनदयाल बिष्ट का मानना है कि सुरक्षित नौकरी के साथ कुछ नया करने का जोखिम लिया जा सकता है, बशर्ते आपमें लगन और मेहनत की भावना हो। उनके इस प्रयास से यह साबित होता है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी व्यक्ति अपनी सोच और समर्पण से अपने जीवन और आसपास के समाज में बदलाव ला सकता है।
आज उनकी सफलता कई युवाओं को प्रेरित कर रही है। यह दिखाता है कि पहाड़ों में भी रोजगार के अवसर हैं, बशर्ते हम अपनी जड़ों से जुड़कर कुछ नया करने का हौसला रखें। दीनदयाल बिष्ट की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और आत्मविश्वास हो तो पहाड़ों से पलायन नहीं, बल्कि उन्हें संवारने का सपना भी सच किया जा सकता है।
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