Uttarakhand News: उत्तराखंड में कूड़े का वैज्ञानिक प्रबंधन अब सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का प्रयास नहीं, बल्कि बिजली और जैविक खाद उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। रुद्रपुर नगर निगम और मसूरी नगर पालिका ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी के तहत इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कूड़े से ऊर्जा और खाद उत्पादन शुरू कर दिया है, जो स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई मिसाल बन रही है।
रुद्रपुर नगर निगम: प्रतिदिन 105-118 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण करने वाले रुद्रपुर नगर निगम ने पीपीपी मॉडल के तहत नवंबर 2022 में एक वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शुरू किया। यह प्लांट प्रतिदिन 50 टन कूड़ा निस्तारित करता है, और फिलहाल 30 टन कूड़ा प्रतिदिन उपयोग करके छह किलोवाट बिजली और जैविक खाद ‘कल्याणी’ का उत्पादन कर रहा है। इससे पुराने कूड़े के ढेरों का सफल निस्तारण भी हो रहा है।
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मसूरी नगर पालिका: पर्यटन स्थल मसूरी में मई 2024 से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के माध्यम से प्रतिदिन आठ टन कूड़ा निस्तारित कर बायो गैस और जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। इस पहल से मसूरी जैसे पर्यटक स्थल पर कूड़े की समस्या का स्थायी समाधान मिल रहा है और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार इकोलॉजी और इकोनॉमी का संतुलन बनाकर ग्रीन इकोनॉमी को प्रोत्साहित कर रही है। वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी के तहत उत्तराखंड में कूड़े से बिजली और खाद उत्पादन के ये प्रयास राज्य को स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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