तीलू रौतेली, जिन्हे उत्तराखण्ड की रानी लक्ष्मीबाई या जिन्हें गढ़वाल की झांसी के नाम से जाना जाता है, उन्हें सारा उत्तराखंड आज भी सम्मान से याद करता है। उनके रणकौशल की वीरगाथा आज भी पौड़ी के कांडा ग्राम व बीरोंखाल में गायी जाती है।
हाल ही में तीलू रौतेली से जुड़ी तस्वीरें A.I. द्वारा बनाई गयी जो सोशल मीडिया में लोगों द्वारा बहुत पसंद की जा रही हैं। इन तस्वीरों में तीलू रौतेली को उनके घोड़ी बिंदूली पर बैठा देखा जा सकता है। वहीं एक तस्वीर में उनके हाथ में रखे हथियार से आग निकल रही है। ताज्जुब है कि ये तस्वीरें बीरोंखाल में लगी उनकी मूर्ती से मेल भी खाती हैं।
आपको बताते चलें कि जिस समय तीलू रौतेली गढ़वाल सेना में थी उस समय गढ़वाल के राजा मान शाह पंवार वंश की गद्दी संभाल रहे थे।
जब कत्यूरियों ने गढ़वाल पर आक्रमण किया तो कांडा युद्ध में तीलू रौतेली के पिता भूप सिंह दोनों भाई भगतु और पथ्वा व उनके मंगेतर भवानी सिंह की वीरगति को प्राप्त हुए थे।
कांडा युद्ध के बाद तीलू ने ही क्षेत्र की रक्षा का भार संभाला और अपनी दो सहेलियों बेल्लू और रक्की के साथ मिलकर नयी सेना बनाई और कत्यूरों को गढ़वाल सीमा से बाहर खदेड़ा ।
हालांकि जब वह पानी पीने नदी समीप गयी तो एक घायल कत्यूर सैनिक रामू रजवार ने उनकी धोखे से हत्या कर दी। उनके बलिदाल और वीरता के कारण प्रतिवर्ष पौड़ी के कांडा में मेले का आयोजन होता है।