सावन का पावन महीना चल रहा है। शिव भक्तों की भीड़ मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का जयकारे के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ा रहे हैं। रुद्रप्रयाग में भी कोटेश्वर में आये दिन श्रधालुओं का आना जाना लगा है। वहीं जिला मुख्यालय रुद्रप्राग से 38 किमी दूर भगवान भोलेनाथ के पुत्र भगवान कार्तिकेय के मंदिर में भी श्रधालु दूर-दूर से दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।
कार्तिक स्वामी मंदिर की ख़ास बात यह है कि क्रोंच पर्वत की छोटी पर स्तिथ यह राज्य का एकमात्र कार्तिकेय का मंदिर है। इसी वजह से साल के बारह महीने यहाँ भक्तों का आना लगा रहता है। यह मंदिर बारह महीने श्रद्धालुओं के लिये खुला रहता है। इस मंदिर के प्रांगण से चौखम्बा, त्रिशूल आदि पर्वत श्रॄंखलाओं के खूबसूरत दर्शन होते हैं।
इस मंदिर के पीछे मान्यता है कि देवताओं के बीच होने वाली एक प्रतियोगिता में जब वह हार गए तो भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र और देवताओं के सेनापति कार्तिकेय ने इसी पर्वत पर समाधि ली थी। कहते हैं कि कहते हैं कि भगवान कार्तिकेय आज भी इस मंदिर में विराजमान है। वहीं जनश्रुतियओं के अनुसार उनके शरीर के कंकाल आज भी इस मंदिर में उपस्थित हैं।
इसे भी पढ़ें – कार्तिक स्वामी मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक करें
हाल ही में कार्तिक स्वामी मंदिर को नए स्वरूप में सजाया गया है। जो काफी सुन्दर लग रहा है। आप भी कार्तिक स्वामी मंदिर के नए स्वरूप के दर्शन करें।
उत्तराखंड की इसी तरह हर खबर पाने के लिए हमारे साथ जुड़े, साथ ही हमारे फेसबुक पेज और इंस्टाग्राम पेज से जुड़ें। वहीं उत्तराखंड की अन्य जानकारी के लिए आप हमारी अन्य वेबसाइट wegarhwali.com और uttarakhandheaven.in