इंद्र सिंह धामी ने चीड़ की छाल से पारंपरिक गागर (गगेरी) और हुड़का बनाकर इस कला को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है।
उत्तराखंड में लोक कलाओं और हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा रही है, परंतु आधुनिकता की दौड़ में ये कला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। जहां पहले पहाड़ के बुजुर्गों के पास हस्तकला में दक्षता होती थी, आज ये दृश्य बहुत कम देखने को मिलता है। इसी लुप्त होती कला को संरक्षित करने का प्रयास बागेश्वर जिले के बिजोरिया गांव के निवासी इंद्र सिंह धामी कर रहे हैं।
इंद्र सिंह धामी ने चीड़ की छाल से पारंपरिक गागर (गगेरी) और हुड़का बनाकर इस कला को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है। चीड़ की छाल से बने ये उत्पाद न केवल देखने में आकर्षक हैं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाते हैं। इंद्र सिंह ने न केवल गागर और हुड़का बनाए हैं, बल्कि वे लकड़ी की अन्य कारीगरी में भी निपुण हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी परंपरा से जोड़ने में मदद मिल रही है।
[इसे भी पढ़ें – चमोली: उत्तराखंड की लोक कला सहेजते दरमानी लाल]
इस प्रकार की कारीगरी से उत्तराखंड के हस्तशिल्प को एक नई पहचान मिलने की संभावना है। इंद्र सिंह का कहना है कि इस कला को पुनर्जीवित करने और युवा पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराने की आवश्यकता है। उत्तराखंड की लोक कलाओं में ऐसी अनेक छिपी हुई प्रतिभाएं हैं, जिन्हें बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है ताकि यह कला जीवित रह सके और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सके।
इंद्र सिंह धामी का यह प्रयास न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है, बल्कि यह एक उदाहरण है कि राज्य में लोक कलाओं को पुनर्जीवित करने की संभावनाएं अभी भी शेष हैं। ऐसे प्रतिभाशाली हस्तशिल्पियों के माध्यम से उत्तराखंड का हस्तशिल्प फिर से अपनी चमक बिखेर सकता है।
[इसे भी पढ़ें – केदारघाटी की बेटी राखी चौहान ने आर्थिक तंगी को मात देकर हासिल किया सेना में लेफ्टिनेंट का मुकाम]
अगर आपको uttarakhand news से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें।
Ремонт бампера автомобиля — это актуальная услуга, которая позволяет вернуть заводской вид транспортного средства после мелких повреждений. Современные технологии позволяют исправить сколы, трещины и вмятины без полной замены детали. При выборе между ремонтом или заменой бампера https://telegra.ph/Remont-ili-zamena-bampera-05-22 важно учитывать степень повреждений и экономическую выгодность. Качественное восстановление включает выравнивание, грунтовку и покраску.
Смена бампера требуется при серьезных повреждениях, когда восстановление бамперов неэффективен или невозможен. Цена восстановления определяется от состава изделия, масштаба повреждений и типа автомобиля. Полимерные элементы допускают ремонту лучше металлических, а инновационные композитные материалы требуют особого оборудования. Профессиональный ремонт увеличивает срок службы детали и сохраняет заводскую геометрию кузова.
С вниманием отнесусь к вашему запросу за поддержкой по вопросам Ремонт бампера фольксваген поло седан – обращайтесь в Телеграм bne93