रुद्रप्रयाग मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क तूना-बोंठा मार्ग दुर्घटनाओं का कारण बना हुआ है। लगातार होती भारी बारिश के चलते सड़क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके चलते आए दिन दुपहिया वाहन दुर्घटना का शिकार बन रहे हैं। इस सड़क की दुर्दशा के पीछे जहाँ भारी बारिश को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। वहीं प्रशासन की भी इस सड़क को बद से बद्दतर करने में पूर्ण सहयोग रहा है।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय तूना-बौंठा मोटर मार्ग मुख्यालय के कई गाँवों को जोड़ता है। इस सड़क पर हफ्तों पहले प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया गया था। जिसके चलते कई घरों पर प्रशासन के बुल्डोजर चले मगर प्रशासन यहीं तक नहीं रुका। उसने सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई नहर और दैवीय आपदा से बनाई गई सुरक्षात्मक दीवार को भी तोड़ डाला। जिसके चलते भारी बारिश से बहता पानी सड़कों पर बड़ी दुर्घटना को जन्म दे रहा है।
मगर जिस तरह से अतिक्रमण हटाने पर प्रशासन द्वारा बरसात सर पर होने के बावजूद दृढ़ता दिखाई गई वैसी अब न जाने कब विरले देखने को मिलेगी। अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में जहाँ उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले को प्राकृतिक आपदाओं में अति संवेदनशील बताया गया।
इन सब के बावजूद जिस तरह से प्रशासन अब अतिक्रमण हटाने पर पीठ थप थपाने के बाद शीत निद्रा में पुनः चला गया है। उससे सवाल जरूर खड़े होते हैं कि क्या कार्यवाही महज फाइलों के दफ्तरों में घूमने से शुरू होगी या फिर प्रशासन स्वतः ही संज्ञान लेकर अपनी जिम्मेदारी समझेगा।