श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौधोगिकी संस्थान श्रीनगर गढ़वाल में हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की प्रो मंजुला राणा ने बतौर मुख्य वक्ता हिंदी की गौरवमयी यात्रा पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत इसकी भाषाई शक्ति है और हिंदी इसके केन्द्र में है जो देश को एकता के सूत्र में बांधती है। आज हिंदी न सिर्फ संवाद का माध्यम है बल्कि हिंदी आज बाजार की आवश्यकता बन रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रो सुमित कुमार अवस्थी ने हिंदी दिवस की महत्ता बताते हुए कहा कि आज हिंदी केवल साहित्य की भाषा नही बल्कि हिंदी आज तकनीकी क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना चुकी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी, डॉ हरिहरन, डॉ कमल कांत तिवारी भी मंचासीन रहे जिन्होंने हिंदी की दिशा और दशा अपने-अपने वक्तव्य दिए। एनआईटी संस्थान में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, कर्मचारी शामिल हुए।
वहीं हिंदी दिवस के मौके पर अजीमजी प्रेमजी फांउण्डेशन की तरफ से भी संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें बतौर मुख्य वक्ता डॉ कपिल पंवार ने समतामूलक समाज के निर्माण में हिंदी साहित्य की भूमिका विषय के अतंर्गत व्याख्यान दिया। फांउण्डेशन के श्रीनगर स्थित सभागार में हुए कार्यक्रम में डॉ कपिल पंवार ने कहा कि हिंदी देश को एक सूत्र में पिरोती है और साहित्य समाज का पथप्रदर्शक होता है जिसनें समतामूलक समाज के निमार्ण में सदियों से अपनी भूमिका निभाई है। इस अवसर शिक्षक, शोद्यार्थी, छात्र-छात्राओं ने मुख्य वक्ता डॉ कपिल पंवार से भाषाई समीकरणों पर सीधा संवाद करके परिचर्चा में भाग लिया।