हेमकुंड साहिब, जो श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, के कपाट बृहस्पतिवार, 10 अक्टूबर 2024 को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। गुरुद्वारा प्रबंधन ने सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है, जिससे इस महत्वपूर्ण दिन के समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सके।
अंतिम अरदास और कपाट बंद होने की प्रक्रिया
बृहस्पतिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे में साल की अंतिम अरदास पढ़ी जाएगी। इसके बाद, पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सोवित किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की संख्या
दोपहर एक बजे कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनका जत्था दरबार साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन करेंगे। गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड भी इस विशेष आयोजन में उपस्थित रहेंगे।
गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंद होने के दौरान 2,500 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जहां इस साल अब तक दो लाख 37 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे हैं।
हेमकुंड साहिब का यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक भावनात्मक अनुभव भी है। शीतकाल के लिए कपाट बंद होने से पहले यह समारोह श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
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